बकरीद के दिन गोहत्या को लेकर गुजरात के कालोल में नहीं हुई साम्प्रदाइक झड़प,फेक दावा हुआ वायरल
पुलिस और कुछ लोगों के बीच हो रही झड़प का एक वीडियो, सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में कुछ लोग पुलिस पर पथराव करते हुए दिख रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस भी जवाबी कार्रवाई करते हुए उनपर आंसू गैस के गोले दाग रही है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि बकरीद वाले दिन गुजरात के कलोल जिले में गौहत्या को लेकर दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा हुई। इस हिंसा में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा हिन्दू नेताओं और बीच-बचाव करने पहुंची पुलिस पर पथराव किया गया
दुनिया भर के लाखों मुसलमान बकरीद का त्यौहार कुर्बानी के प्रतीक के रूप में मनाते हैं। इसे ईद-उज-जोहा या ईद-उल-अजहा कहा जाता है। ईद ऐसे समय में मनाई जाती है ,जब मुसलमान हज यात्रा पर जाते हैं। इसी क्रम में बीते 21 जुलाई को मुस्लिम समुदाय ने बकरीद का त्यौहार मनाया। गौरतलब है कि इस साल कोरोना के चलते भारत के अलग-अलग राज्यों में बकरीद को लेकर सरकार द्वारा कुछ दिशा निर्देश जारी किए गए थे, जिसके मुताबिक, कई राज्यों में बकरे की बलि पर रोक लगा दी गई थी। वहीं गुजरात के अहमदाबाद और सूरत जिले के पुलिस आयुक्तों ने सार्वजनिक और निजी स्थानों पर जानवरों की बलि पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। ऐसे में सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि गुजरात के कलोल में बकरीद वाले दिन यानि 22 जुलाई को गोहत्या को लेकर, दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन गयी।
वायरल दावे का सच जानने के लिए, हमने पड़ताल आरम्भ की। इस दौरान सबसे पहले पोस्ट में शेयर किए जा रहे वीडियो को InVid टूल की सहायता से कुछ कीफ्रेम्स में बदला, इसके बाद एक कीफ्रेम को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया। लेकिन गूगल पर मिले परिणामों से हमें वायरल दावे से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली
इसके बाद हमने वायरल दावे की ठोस जानकारी के लिए, गूगल पर कुछ संबंधित कीवर्ड्स के माध्यम से खोजा। इस दौरान हमें TV9 hindi की वेबसाइट पर 11 जुलाई, 2021 को प्रकाशित एक लेख मिला।
लेख के मुताबिक, गुजरात के पंचमहल जिले के कलोल शहर में शनिवार 10 जुलाई को दो समुदायों के बीच उस समय सांप्रदायिक झड़प हो गयी, जब एक किशोर को कुछ अज्ञात लोगों द्वारा पीटे जाने के मामले में पुलिस ने एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया। पुलिस के मुताबिक, दूसरे समुदाय ने संदिग्ध को हिरासत में लिए जाने का विरोध किया, जिसके कारण पुलिस को आंसू गैस और बल प्रयोग करना पड़ा। गौरतलब है कि लेख में कहीं भी गोहत्या या गोमांस का कोई जिक्र नहीं है।
वायरल दावे की अधिक जानकारी के लिए, हमने कुछ अन्य कीवर्ड्स के माध्यम से गूगल पर दोबारा खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें The Indian Express की वेबसाइट पर 11 जुलाई 2021को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इस लेख में पंचमहल जिले के एसपी लीना पाटिल का बयान प्रकाशित किया गया है
एसपी लीना पाटिल के मुताबिक, यह झड़प तब शुरू हुई जब कलोल पुलिस ने शनिवार 10 जुलाई को हुई मारपीट के मामले में मामले में एक संदिग्ध को हिरासत में लिया। जिसके बाद दोनों पक्षों में झड़प शुरू हो गयी। इस दौरान पुलिस पर भी पथराव किया गया। जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
वायरल दावे की सटीक जानकारी के लिए, हमने पंचमहल की पुलिस अधीक्षक लीना पाटिल से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया, "घटना एक किशोर को पीटे जाने के बाद दो गुटों के बीच हुई मारपीट से जुड़ी है। इस घटना का बीफ या गोहत्या से कोई संबंध नहीं है।"
इसके साथ ही हमें Zee tv गुजराती पर झड़प का एक वीडियो मिला, जहां गुजराती भाषा में जानकारी दी गयी है कि कुछ हथियार बंद गुटों के बीच आपसी झड़प हो गयी, मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को काबू करने के लिए आंसू गैस छोड़े और बल प्रयोग भी किया
वायरल दावे की पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि गुजरात के कलोल थाना क्षेत्र में बकरीद के दिन गोहत्या को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ था। भ्रामक दावा सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है
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